क्या झारखण्ड संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा 2024 में हो गया खेला ??

 अभ्यर्थियों का आरोप पेपर हुआ लीक, तृतीय पाली की परीक्षा रद्द, विपक्ष हमलावर 


8 साल बाद हो रही परीक्षा 8 घंटे भी ना टिक पायी 

कथित लीक प्रश्नपत्र के उत्तर एक दिन पहले से वायरल    

6.5 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में  

विपक्ष कर रहा है सीबीआई जांच की मांग 


परीक्षा नहीं करवाएगा तो क्या चंद्रयान की लॉन्चिंग करेगा आयोग ?

वो तो अच्छा है की झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग के जिम्मे सिर्फ परीक्षा करवाना है, जरा कल्पना कीजिये की अगर इस आयोग को चंद्रयान के लॉन्चिंग की जिम्मेवारी मिल जाती तो क्या होता ? पहले तो चद्रयान की लॉन्चिंग 10-20 साल के लिए लंबित हो जाती, लॉन्चिंग होती भी तो इंजन लीक हो जाता जैसे प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं, और रही लैंडिंग की बात तो उसकी गारंटी तो वो भी नहीं दे पाते जिन्हे आप आजकल हर जगह गारंटी देते देख सकते हैं।  आखिरकार चाँद खुद झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग से कहता की भैया आप ही बताओ मैं आपकी बतायी जगह पर ही लैंड हो जाता हूँ। 

नौकरी के बदले अभ्यर्थियों को मिल रही है तारीख पर तारीख 

राज्य के तकरीबन 6.5 लाख अभ्यर्थी, जिन्होंने ना जाने कितने अरमान से इस स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा का आवेदन पत्र भरा था, अब पानी पी पी कर उस मनहूस समय को कोस रहे हैं। वो अभिभावक जिन्होंने अपनी दिहाड़ी से पैसे जमा कर, आवेदन शुल्क जमा किया था वो अपने बच्चों से कह रहे हैं की, बेटा अगर आवेदन शुल्क के बदले एक सागवान या सखुआ का पौधा लगा दिया होता, तो वो भी आज लाख डेढ़ लाख का हो गया होता। समस्या एक हो तो उसका हल निकले, यहां झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग की इमारत में मानों ईंटे कम, समस्या ज्यादा है। कई विद्वान् तो ये कह रहे हैं की पहले झारखण्ड कर्मचारी आयोग को, पड़ोस के किसी राज्य के कर्मचारी चयन आयोग से, अपने लिए योग्य कर्मचारियों का चयन करवाना चाहिए हो सके, तब इस आयोग की किस्मत पलट जाए जैसे पड़ोस की सरकारें पलट रही है। जबसे अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है तबसे नितीश कुमार पांच बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुकें हैं मगर बेचारे अभ्यर्थियों की किस्मत है की उन्हें मिल रही है बस तारीख पर तारीख। 

चिरप्रतीक्षित परीक्षा पहले ही दिन ढेर 

ताजा हालात ये हैं की रविवार को आयोजित हुयी झारखण्ड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 की, चिरप्रतीक्षित परीक्षा के पहले दिन ही अभ्यर्थियों द्वारा पेपर लीक का आरोप लगाया गया। अभ्यर्थियों ने ये आरोप लगाया कि सामान्य ज्ञान की तीसरे पेपर की परीक्षा का प्रश्न पत्र एक दिन पहले ही लीक हो चूका था। अच्छी बात ये रही कि अभ्यर्थियों के आरोप को झारखण्ड कर्मचारी आयोग ने अपने व्यवहार के विपरीत काफी गंभीरता से लिया और तृतीया पाली में संपन्न सामान्य ज्ञान कि परीक्षा को अपरिहार्य कारण बताते हुए रद्द करने कि सुचना जारी कर दी। 

नयी परीक्षा तिथि कि जल्द घोषणा करेगा आयोग 

इस मुद्दे पर जीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक कि ओर से कहा गया कि उक्त पेपर की नयी तिथि कि घोषणा शीघ्र ही आयोग के वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। पेपर लीक कि सुचना मिलते ही अभ्यर्थियों द्वारा जगह जगह प्रदर्शन शुरू हो गए, वैसे इस परीक्षा के अभ्यर्थियों ने परीक्षा आयोजित कराने के लिए पूर्व में ही इतने प्रदर्शन कर लिए हैं कि वो इस विधा में पारंगत हो चुके हैं, बहरहाल मामले कि जानकारी के बाद आयोग हरकत में दिखाई देने कि पूरी कोशिश कर रहा है और उच्स्तरीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि पहली नजर में पेपर लीक के आरोप में सत्यता पायी गयी है, आगे कि जानकारी में क्या निष्कर्ष निकलता है ये तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथोहाथ लिया है 

कथित पेपर लीक पर हमलावर विपक्ष 

पेपर लीक कि खबर आते ही विपक्ष के दिग्गज राजनेता सरकार पर हमलावर हो गए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, भाजपा के तेज तरार नेता भानुप्रताप साही समेत कई नेताओं ने इस पेपर लीक कि कड़ी निंदा करते हुए जांच कि मांग उठाई है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस कथित पेपर लीक काण्ड कि जांच सीबीआई से कराने कि मांग कि है। 

4 फ़रवरी की परीक्षा रद्द करने कि मांग   

इस कथित पेपर लीक ने सबसे ज्यादा हतोत्साहित उन अभ्यर्थियों को किया है जो नौकरी कि आस में ना जाने कितने वर्षों से इस परीक्षा कि तैयारी कर रहे हैं। बरसों बाद आयोजित हो रही परीक्षा पर संकट के बादल घिरते देख अभ्यर्थियों के चेहरे पर फिर से उदासी पसर चुकी है जो स्वस्थ लोकतंत्र में कहीं से उचित नहीं है। अब इस मुद्दे पर सरकार कितनी गंभीर है ये तो आने वाले समय में होने वाली कार्यवाई से पता चलेगा लेकिन अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि न्याय मिलने में देर है अंधेर नहीं।