"स्टील में कुछ काला है" नपे सेल के 26 अधिकारी !
इस्पात मंत्रालय ने सेल के 26 उच्चाधिकारियों को किया ससपेंड !
- निदेशक स्तर के अधिकारी हुए ससपेंड
- तत्काल प्रभाव से आदेश लागू
- लोकपाल के निर्देश पर चल रही है जाँच
- सेल ने कहा "प्रतिस्ठा पर नहीं आने देंगे आंच"
भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय ने सेल के निदेशक वाणिज्यिक वीएस चक्रबर्ती, निदेशक वित्त एके तुलसियानी समेत 26 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से ससपेंड कर दिया है। इतनी बड़ी संख्या में अपने उच्चाधिकारियों को ससपेंड करने का ये पहला मामला है जिसे, सेल के 'जीरो टॉलरेंस विथ करप्शन' मुहीम से जोड़ कर देखा जा रहा है।
वित्तीय हेराफेरी का है आरोप
सरकारी स्टील निर्माता कंपनी ने 20 जनवरी को ये खबर शाया कि की केंद्रीय इस्पात मंत्रालय ने वित्तीय हेराफेरी के आरोप में सम्मिलित निदेशक और अन्य स्तर के 26 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह निलंबन आचार, अनुशासन और अपील अधिनियम 1977 के नियम 20 के तहत किया गया है। इस्पात मंत्रालय ने अपने 19 जनवरी 2024 को लिखे पत्र में आचार, अनुशासन और अपील अधिनियम 1977 के नियम 20 के उपनियम 1 द्वारा मिले शक्तियों का उपयोग करते हुए निदेशक वाणिज्यिक वीएस चक्रबर्ती, निदेशक वित्त एके तुलसियानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
सेल के हितों को अनदेखा कर निजी क्षेत्र को पहुंचाया लाभ
उल्लेखनीय है कि लोकपाल द्वारा किये गए जांच में निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों को लाभ पहुंचाने और सेल को वित्तीय नुक्सान पहुंचाने के आरोप साबित होते ही निदेशक वाणिज्यिक वीएस चक्रबर्ती, निदेशक वित्त एके तुलसियानी को ससपेंड कर दिया गया। मामले कि आगे कि जांच के बाद कूल 26 अधिकारीयों पर निलंबन कि गाज गिरी है। यही नहीं भारत के लोकपाल ने चक्रवर्ती और तुलसियानी के मामले कि जांच सीबीआई और डीएसपीई द्वारा कराये जाने कि सिफारिश भी कि है।
जल्द पूरी होगी जांच
निलंबन के बावजूद इनपर चल रही जांच लगातार जारी रहेगी , इस जबरदस्त करवाई में बोर्ड लेवल से निचे स्तर के अधिकारी एसके शर्मा ईडी (एफ एंड ई) सीएमसी, विनोद गुप्ता ईडी (कमर्शियल ), अतुल माथुर ईडी (सेल्स एंड आईटीडी), और आरएम सुरेश ईडी (मार्केटिंग सर्विसेज ) भी शामिल हैं।
सेल के हितों को अनदेखा कर निजी क्षेत्र को पहुंचाया लाभ
उल्लेखनीय है कि लोकपाल द्वारा किये गए जांच में निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों को लाभ पहुंचाने और सेल को वित्तीय नुक्सान पहुंचाने के आरोप साबित होते ही निदेशक वाणिज्यिक वीएस चक्रबर्ती, निदेशक वित्त एके तुलसियानी को ससपेंड कर दिया गया। मामले कि आगे कि जांच के बाद कूल 26 अधिकारीयों पर निलंबन कि गाज गिरी है। यही नहीं भारत के लोकपाल ने चक्रवर्ती और तुलसियानी के मामले कि जांच सीबीआई और डीएसपीई द्वारा कराये जाने कि सिफारिश भी कि है।
कार्रवाई सेल कि प्रतिबद्धता का प्रमाण
बहरहाल इस पुरे मामले को लेकर मंत्रालय बड़ा गंभीर दिखाई देता है और इस्पात मंत्रालय इसका कोई भी प्रभाव उत्पादन, विपणन और कंपनी कि क्षमता पर पड़ता नहीं देखता। गौरतलब हो कि पिछले दिनों गिरावट के बाद सेल का शेयर संभलता दिखाई दिया है और अब उम्मीद है कि ताजा ख़बरों से एक बार फिर इसके निवेशकों को कहीं नुक्सान ना झेलना पड़ जाए।
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