हेमंत गए होटवार, चम्पई सोरेन थामेंगे झारखण्ड की पतवार !

दिन भर चली पूछताछ के बाद ईडी ने हेमंत सोरेन को किया गिरफ़्तार, राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा !


  • सेना के जमीन की अवैध खरीद फरोख्त, बड़गाईं जमीन मामले में हो रही थी पूछताछ 
  • 8 घंटे पूछताछ के बाद ईडी ने किया गिरफ़्तार 

  • बेनामी कार और 36 लाख रुपैये नगद बरामदगी ने बढ़ाई परेशानी  
  • डैमेज कण्ट्रोल में लगा महागठबंधन 
  • राजभवन के पास हाई वोल्टेज ड्रामा 

ईडी ने अभी तक गिरफ़्तारी की पुष्टि नहीं की 

जैसे की कयास लगाए जा रहे थे आखिरकार झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने अपनी हिरासत में ले ही लिया।  हालांकि समचार लिखे जाने तक ईडी ने गिरफ़्तारी की पुष्टि नहीं की हैं , हालांकि ईडी की टीम के साथ हेमंत सोरेन एक इन्नोवा गाडी से राजभवन पहुंचे। हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया। 

चम्पई सोरेन चुने गए विधायक दल के नेता 

जेएमएम के सूत्रों ने बताया की महागठबंधन ने चम्पई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना है और संभवतः वही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन मामला राज्यपाल के यहां फंसा लगता है। महागठबंधन के पास संख्या तो है लेकिन सरकार बनाने की राह इतनी आसान नहीं दिखाई देती।  खबर लिखने तक ईडी की टीम के साथ मुख्यमंत्री घूम रहे हैं, जब तक ईडी गिरफ़्तारी की पुष्टि नहीं करती ये पुष्ट नहीं हो पायेगा की उनकी गिरफ़्तारी हो चुकी है हालांकि इस्तीफा देने और ईडी के साथ राजभवन जाने के बाद उनकी गिरफ़्तारी की पुष्टि मात्र औपचारिकता ही रह गयी है। 

राजधानी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था 

आज सुबह से ही पुरे रांची में धारा 144 लागू कर दी गयी थी। ईडी के ऑफिस से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे।  मुख्यमंत्री आवास पर चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीन गाड़ियों में सवार हो कर ईडी की टीम हेमंत सोरेन से पूछताछ करने पहुंची।  राजधानी में सुबह से ही कयासों के बाजार गर्म थे की आज हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी हो सकती है और देर शाम इस अफवाह को सच्चाई में बदलते देखा गया। 

फिलहाल राज्य में राजनितिक संकट की स्थिति 

राज्य में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राजनितिक संकट उत्पन्न हो गया है। महागठबंधन फिलहाल तो एकजुट दिखाई देता है लेकिन अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। राज्यपाल का अगला कदम राज्य में स्थायी सरकार के सत्ता संभालने का मार्ग प्रशस्त करेगा। चम्पई सोरेन जो की शिबू सोरेन के काफी नजदीक और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के पुराने कद्दावर नेता माने जाते हैं उन्हें आगे कर के हेमंत सोरेन ने ये कोशिश की है की जेएमएम एकजुट रहे।  पार्टी के पुराने और सोरेन परिवार के बेहद विश्वास प्राप्त चम्पई सोरेन सराईकेला सीट से विधायक हैं, वो फिलहाल कैबिनेट मंत्री हैं और साथ ही साथ जेएमएम के उपाध्यक्ष भी हैं। 

नए सरकार की राह आसान नहीं 

महागठबंधन ने भले ही चम्पई सोरेन को अपना नेता चुन लिया हो लेकिन उनके गद्दी संभालने की राह में अभी कई पेंच बाकी हैं। मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद चम्पई सोरेन मंत्री आलमगीर आलम और कई विधायकों के संग राजभवन से बाहर आएं और उन्होंने मीडिया को बताया की उन्होंने 43 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है जिसपर राजभवन ने उन्हें विचार करने का आश्वासन दिया है। तेजी से बदलते घटनाक्रम में फिलहाल झारखण्ड सरकारविहीन है जब तक राज्यपाल कोई फैसला नहीं करते राज्य को स्थायी सरकार मिलता नहीं दिखाई देता।