हमारे दिल में थे हेमंत और हम ढूंढते रहे !
अहले सुबह मुख्यमंत्री आवास लौटे हेमंत सोरेन,40 घंटे तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे का हुआ बिलकुल फ़िल्मी समापन
- दिल्ली आवास से एक बीएमडब्लू कार और 36 लाख नगद हुए जब्त
- गए थे तो था ताम-झाम,लौटे तो दिख रहे थे आम
- एक ही दिन में दो बार हुयी विधायक दल की बैठक
- विधायकों का समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर की खबर
- आज ईडी फिर करेगी पूछताछ
'मैं कैसे आया ये मत पूछो मैं आ गया क्या इतना काफी नहीं ?'
की तर्ज पर कल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने आवास लौट आएं। जी हाँ और सितम देखिये की बातों ही बातों में उन्होंने हम झारखंडियों को ये भी बता दिया की आप नाहक ही परेशान थे, हम तो आपके दिल में थे। लगातार चालीस घंटे तक उनके बारे में कभी गुमशुदा होने, कभी भगौरा होने तो कभी एजेंसियों द्वारा गिरफ़्तार होने की ना जाने कितनी अफवाहें उड़ी, लेकिन उन सभी अफवाहों को गलत साबित कर हेमंत मुख्यमंत्री आवास में आ गए और आते ही विधायक दल के साथ आगे की रणनीति बनाने में जूट भी गयें।
हमारे दिल में आप हैं, आपके दिल में क्या ?
मुख्यमंत्री के आने के बाद एक सवाल जो हर झारखंडी के मस्तिष्क में कौंध रहा है वो ये है की माननीय मुख्यमंत्री जी हमारे दिल में तो आप हैं आपने भी इसकी तस्दीक कर दी, लेकिन आपके दिल में क्या है ? क्या चल रहा है आपके मस्तिष्क में ? क्या सारी चीजें बेबाकी के साथ कहने की जरुरत नहीं है ताकि झारखण्ड के लोगों को वास्तु-स्तिथि का पता चल सके। ये अचानक "इधर चला मैं उधर चला, जाने कहाँ मैं किधर चला" की कवायद बंद होनी चाहिए, क्योंकि ऐसे में फिसलने का डर बना रहता है।
लड़े थे, लड़ेंगे !! लेकिन कब तक ?
इसे कहने में कोई गुरेज नहीं की ईडी की आप पर की जा रही कार्यवाई की तह में भले भ्रष्टाचार का मूल हो लेकिन ताबड़तोड़ कार्रवाइयों का मकसद परेशान करना और जनता के मन में बसी आपकी छवि को धूमिल करना ही नजर आता है। इतना तो तय है की भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत होने के बाद ईडी इतनी रहमदिली ना दिखाती और यदि भ्रष्टाचार का कोई प्रश्न ही नहीं था तो आप भी इतने परेशान ना नजर आते। ख़बरों की माने तो भारत का शायद ही कोई बड़ा वकील होगा जिसकी राय आपने या आपकी पार्टी ने नहीं ली होगी, बावजूद इसके, आपके माथे के शिकन जनता को आपके प्रति अपनी सोच बदलने को उकसा रहे हैं। इस चूहे बिल्ली की तरह नजर आने वाले खेल का पटाक्षेप कब और कैसे होगा ये तो नियति के गर्भ में है मगर हाँ, एक बात स्पष्ट है की इसमें जितनी देर होगी ईडी के सवालों की लिस्ट और भी लम्बी होती जायेगी।
आज फिर ईडी करेगी पूछताछ
आज बुधवार के दिन एक बार फिर ईडी मुख्यमंत्री के दरवाजे पर दस्तक देगी। सहयोगियों समेत सरकार में शामिल सभी विधायकों के समर्थन पत्र के बावजूद ना सरकार आराम से चल पा रही है ना मुख्यमंत्री। सवालों के कुनबे में हो रही बढ़ोतरी हेमंत सोरेन के लिए परेशानी का सबब है तो पारिवारिक सदस्यों के बीच बढ़ते मतभेद की अफवाह भी विपक्षियों की बांछे खिला रही है। आज की पूछताछ के बाद ईडी का अगला कदम झारखण्ड के राजनितिक हालात में शान्ति या भूचाल की स्थिति तय करेगा। दिल्ली स्थित आवास से बरामद कार और नगद राशि भी आज की पूछताछ का हिस्सा बन सकती है।
पेशोपेश की स्थिति से झारखण्ड पस्त
झारखण्ड राज्य आज जिस दौर से गुजर रहा है वो अपने आप में चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य और केंद्र, मुख्यमंत्री कार्यालय और राजभवन, राज्य प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियां आमने सामने हैं। विकास कार्यों को तहखाने में दफना कर राज्य की सारी शक्तियां मुख्यमंत्री की सलाहकार बन चुकी हैं, छात्र सड़क पर हैं, जेएसएससी की कथित परीक्षा लीक के मुद्दों को लगातार हवा देकर विपक्ष ने राजनितिक तापमान बढ़ा रखा है, ऐसे में पूरा झारखण्ड अधिकारियों के रहमोकरम पर है। अधिकारीयों ने पूर्व में इस राज्य का कितना भला किया है ये बात किसी से ढंकी छुपी हुयी नहीं है। पूरी कैबिनेट मुख्यमंत्री आवास पर है और पूरा राज्य सदमें में। ये स्थिति झारखण्ड जैसे व्यस्क राज्य के लिए गंभीर संकेत है।
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