आलू से नहीं रांची में गोबर से निकलेगा सोना !!
रांची में प्रतिदिन 10 टन गोबर खरीदेगा GAIL !!
- राजधानी के पशुपालक अब गोबर का कारोबार कर सकेंगे
- रांची नगर निगम ने पशुओं और पशुपालकों का किया सर्वे
- फ़रवरी से शुरू होगी गोबर की खरीदारी
चाहे चुनाव के बाद प्रत्येक नागरिक को पंद्रह लाख देने की बात हो या आलू से सोना बनाने की बात, हम और आप इन चुनावी जुमलों का स्वाद तो ले ही चुके हैं लेकिन अब समय है गोबर से सोना बनाने का, और हाँ ये कोई जुमला नहीं बल्कि हकीकत है जो जल्द ही आपके शहर रांची में मूर्त रूप लेने वाला है
राजधानी के गौपालकों के लिए खुशखबरी
राजधानी रांची के गौ पालक अब गोबर का कारोबार कर पैसे कमा सकेंगे। GAIL यानी गैस ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड जिसे हम 'गेल' के नाम से भी जानते हैं, रांची में प्रतिदिन 10 टन गोबर खरीदेगा। इस योजना को लेकर रांची नगर निगम ने पशुओं का सर्वे कर इस कंपनी को सूचि सौंप भी दी है। इस सर्वे के आधार पर कंपनी आगे की रणनीति बनाएगी
गेल की ये नयी मुहीम बढ़ाएगी शहर की सुंदरता
खबर है की गेल आगामी फ़रवरी माह से पशुपालकों से गोबर की खरीदारी शुरू कर देगा। इस योजना के जुड़ने के लिए राजधानी के गौपालकों को जागरूक करने का प्रयास रांची नगर निगम द्वारा जल्द ही शुरू किया जाएगा, ताकि गोबर को नाले में बहाने के बजाय उसे जमा कर बेचा जा सके। इससे गौपालकों को जहां आर्थिक लाभ होगा, वहीँ शहर भी स्वच्छ और बदबू रहित होगा। अभी ज्यादातर गौपालक गोबर से छुटकारा पाने के लिए उसे नाले में बहा देते है, इससे गन्दगी और बदबू दोनों फैलती है।
झिर्री में लग गया है नया प्लांट
गेल का एक नया प्लांट राजधानी के झिर्री में लगा है, इस बाबत रांची नगर निगम के प्रशासक अमित कुमार ने बताया की अब गोबर से बायो सीएनजी भी बनाया जाने लगा है। फ़रवरी से रांची में गोबर की खरीदारी शुरू कर दी जायेगी जिसको लेकर सारी प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वहीँ आने वाले दिनों में कई नए कार्य भी शुरू होंगे जिसकी कार्ययोजना अंतिम चरण में है
गोबर से बनेगा खाद
पिछले कुछ वर्षों में गोबर से बायो सीएनजी बनाने का चलन बढ़ा है। झिर्री स्थित प्लांट में गोबर से बायो सीएनजी बनाने के बाद जो गोबर बच जाता, उसका इस्तेमाल खाद के रूप में भी किया जा सकता है। प्रशासक अमित कुमार ने बताया की इसको लेकर भी पशुपालकों को जागरूक किया जाएगा।
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