चम्पाई मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही झारखण्ड की राजनीती में शुरू हो गया गुटबाजी और रूठने -मनाने का खेल : पॉलिटिक्स झारखण्ड
क्या गुल खिलाएंगे झारखण्ड के असंतुष्ट विधायक : चम्पाई सोरेन मंत्रिमंडल विस्तार
पुराने मंत्रियों को रीपीट करने से बाकी कॉंग्रेसी विधायक नाराज
देर रात तक चली रूठे विधायकों को मनाने की कवायद
इरफ़ान,दीपिका,शिल्पी समेत कूल 12 विधायक हो रहे हैं गोलबंद
विधानसभा करवाई के बहिष्कार तक की दे डाली है धमकी
झारखण्ड में बीते शुक्रवार को चम्पाई सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। एक सादे समारोह में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चम्पाई सोरेन कैबिनेट के आठ मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मंत्री की शपथ लेने वाले दीपक बिरुआ, बसंत सोरेन और बेबी देवी को छोड़ दें तो बाकी के चेहरों को फिर से मंत्रिमंडल में रीपीट किया गया है, लेकिन रोचक बात ये है की झामुमो की पुरानी और वरिष्ठ नेत्री जोबा मांझी को पुनः मंत्री ना बना कर उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इधर मंत्रियों के नाम सार्वजनिक होते ही कांग्रेस खेमे में खलबली मच गयी और कई विधायकों ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया।
मंत्री बनते बनते रह गए बैजनाथ राम
झामुमों के दलित नेता और विधायक बैजनाथ राम मंत्री बनते बनते रह गए। उनकी दशा पर ये कहावत की "हाथ आया पर मुंह को ना लगा" एकदम सटीक बैठती है। ख़बरों के अनुसार बैजनाथ राम का नाम मंत्री पद पाने वालों की लिस्ट में काफी आगे चल रहा था, यहां तक की मंत्रियों की जो सूची राजभवन भेजी गयी उसमें भी बैजनाथ राम का नाम शामिल था। राजभवन से बैजनाथ राम को राजभवन आने की सुचना भी भेजी गयी और उनका वारंट भी जारी हो चुका था। बैजनाथ राम बड़े आशा से राजभवन के लिए कूच भी कर चुके थे मगर आधे रास्ते में ही उन्हें फ़ोन पर लौने की सुचना मिली और वो बैरंग आधे रास्ते से ही लौट गए। मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद बैजनाथ राम ने खुल कर कांग्रेस को कोसा और साथ ही झामुमों नेतृत्व को भी खरी खोटी सुनाई। बैजनाथ राम ने मीडिया से बात चित करते हुए कहा की ये अपमानजनक है, कांग्रेस के इशारे पर राज्य के एक अनुसूचित जाती के विधायक के साथ ज्यादती की गयी है और ये पुरे अनुसूचित समाज के लिए अपमानजनक है। बैजनाथ राम ने शीर्ष नेतृत्व को ये अल्टीमेटम भी दिया है की, दो दिनों के अंदर पार्टी ने उचित कदम नहीं उठाया तो उन्हें मजबूर होकर कोई बड़ा कदम उठाना होगा। बैजनाथ राम ने लगभग धमकाते हुए ये भी कह दिया की पार्टी ने अगर इस दुर्भाग्यपूर्ण फैसले को नहीं बदला तो वो अकेले चलने के लिए भी तैयार हैं।
कॉंग्रेसी खेमे में मचा भूचाल, खुल कर दिखाए बगावती तेवर
जैसे ही चम्पाई सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ झारखण्ड कांग्रेस के विधायकों का सूर ताल सब बदल गया। चम्पाई सोरेन सरकार बनने से पहले कॉंग्रेसी विधयक एकजुटता और संगठन का जितना गुणगान और महिमामंडन कर रहे थे, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उससे कहीं ज्यादा छीछालेदर देखने को मिला। कांग्रेस के 12 विधायकों ने गुट बना कर अपना विरोध तेज कर दिया है। असंतुष्ट विधायकों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को खुले शब्दों में अपने फैसले पर विचार करने की धमकी के साथ ज्ञापन सौंप दिया है। विधायकों ने स्पष्ट शब्दों में फरमान सुनाया है की पार्टी पुराने चारों मंत्रियों को बदले और नए विधायकों को उनकी जगह मंत्री बनाये वर्ण सभी असंतुष्ट विधायक विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे। अगर बजट सत्र से पहले उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो वो राज्य से बाहर चले जाएंगे। नाराज कॉंग्रेसी विधायकों में सबसे मुखर डॉ इरफ़ान अंसारी पीछे कई दिनों से अपने एक्स प्लेटफार्म पर ऐसे पोस्ट डाल रहे थे जिससे ये संभावना व्यक्त की जा रही की मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें ना कर दिया है। डॉ इरफ़ान अंसारी के साथ दीपिका पांडेय सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की और पूर्णिमा नीरज सिंह जैसे विधायक कॉंग्रेसी आलाकमान के लिए कड़ी चुनौती खड़ी करने वाले विधायकों का नेतृत्व कर रही हैं।
आखिकार बसंत हुए सेट
काफी पहले से ही सोरेन परिवार के बसंत सोरेन के मंत्रिमंडल में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे, इन कयासों को हकीकत में बदल कर आखिरकार बसंत सोरेन को मंत्रिमंडल में जगह मिल ही गयी। बसंत सोरेन पहली बार मंत्री बने हैं जिससे मंत्रिमंडल में सोरेन परिवार को उसकी जगह मिल गयी है। सोरेन परिवार की एक और सदस्य सीता सोरेन के भी मंत्रिमंडल में स्थान पाने की खबरे गर्दिश कर रही थी लेकिन उन्हें फिलहाल मंत्रिमंडल से दूर रखा गया है। मंत्रिमंडल विस्तार पर अभी तक सीता सोरेन की प्रतिक्रिया नहीं आयी है लेकिन ये समझना मुश्किल नहीं है की मंत्री ना बन पाने के बाद सीता सोरेन के तल्ख़ तेवर जल्दी ही देखने को मिलेंगे। शपथ ग्रहण से पहले सभी मंत्रियों ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन से मुलाक़ात की।
पुराने चेहरों को लगभग पुरानी जिम्मेवारी
झारखण्ड सरकार में मंत्री पद संभालने वाले मंत्रियों में से पुराने चेहरों जैसे रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख, बनना गुप्ता, मिथिलेश ठाकुर और हफीजुल हसन को उनके पुराने पोर्टफोलियों ही दिए गए हैं हालांकि हलके बदलाव के साथ उन्हें कई नयी जिम्मेवारियां भी प्रदान की गयी हैं। मंत्रिमंडल की बात करें तो शपथ लेने वालों मंत्रियों का पोर्टफोलियो कुछ इस प्रकार का है
चम्पाई सोरेन मुख्यमंत्री, झारखण्ड सरकार
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग
गृह (कारा सहित) विभाग
मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग
वो सारे विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित ना हो
डॉ रामेश्वर उरांव
वित्त विभाग
योजना एवं विकास विभाग
वाणिज्य कर विभाग
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों का विभाग
आलमगीर आलम
ग्रामीण विकास विभाग
ग्रामीण कार्य विभाग
पंचायती राज विभाग
सत्यानंद भोक्ता
श्रम, नियोजन एवं कौशल विकास विभाग
उद्योग विभाग
बसंत सोरेन
पथ निर्माण विभाग
भवन निर्माण विभाग
जल संसाधन विभाग
बेबी देवी
महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग
मिथिलेश ठाकुर
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग
बादल पत्रलेख
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग
बन्ना गुप्ता
स्वास्थय, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग
आपदा प्रबंधन विभाग
दीपक बिरुआ
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाती एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
कल्याण विभाग ( अल्पसंख्यक कल्याण के अलावा )
परिवहन विभाग
हफीजुल हसन
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
निबंधन विभाग
पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग
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