झारखंड में आधे दाम पर ट्रेक्टर और कृषि यन्त्र पाने का सुनहरा मौका : मुख्यमंत्री ट्रेक्टर वितरण योजना

 किसानों और कृषक समूहों को मिलेगा ट्रेक्टर और कृषि यन्त्र पर बम्पर अनुदान 

  • 1100 से ज्यादा ट्रेक्टर बाँटने की है योजना 
  • 50 प्रतिशत अनुदान पर मिलेगा ट्रेक्टर 
  • योजना मद में होगा 80 करोड़ का खर्च 
  • 80 प्रतिशत अनुदान पर पा सकेंगे कृषि यन्त्र 

झारखंड सरकार दे रही है किसानों और कृषक समूहों को ट्रेक्टर और कृषि यन्त्र वो भी 50 प्रतिशत अनुदान पर।  जी हाँ ये बात बिलकुल सही और पुख्ता है। मुख्यमंत्री ट्रेक्टर योजना के तहत राज्य सरकार अब 1100 से ज्यादा ट्रेक्टर बांटने जा रही है। इन ट्रेक्टर के साथ दो कृषि यन्त्र भी देने की योजना है जिसपर 80 प्रतिशत तक का अनुदान मिल रहा है। 
 

एक अंतराल के बाद फिर से शुरू हो चुकी है मुख्यमंत्री ट्रेक्टर योजना 

एक बार फिर झारखण्ड कृषि विभाग बड़े पैमाने पर ट्रैक्टरों का वितरण करने जा रहा है। इससे सम्बंधित राज्यादेश निकाल कर कृषि विभाग ने योजना के चालु होने का आवाहन कर दिया है। कृषि विभाग 80 करोड़ रुपैये की लागत से अगले दो साल तक तकरीबन 1100 से ज्यादा ट्रेक्टर का वितरण किसान और कृषक समूहों के बीच करेगा।  किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर ट्रेक्टर दिया जाएगा।  इसके साथ किसानों को दो कृषि यन्त्र भी दिए जाएंगे।  कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान देने की योजना है। हालांकि ट्रेक्टर के साथ दो कृषि यन्त्र लेने की बाध्यता होगी। 

हेमंत सोरेन और बादल पत्रलेख के गृह जिले में सबसे ज्यादा मिलेंगे ट्रेक्टर 

कृषि पशुपालन और सहकारिता मंत्रालय ने पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के गृह जिले के लिए सबसे ज्यादा ट्रैक्टरों के वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है।  देवघर और दुमका जिले के कृशकों और कृषक समूहों के लिए सबसे ज्यादा 120-120 ट्रैक्टरों के वितरण की योजना है।  रामगढ़ जिले में सबसे कम मात्र 20 ट्रेक्टर ही बांटे जाने हैं, वहीँ राजधानी रांची में 70 ट्रेक्टर बांटने का लक्ष्य है। 

सभी ट्रेक्टर होंगे जीपीएस से लैस 

ट्रेक्टर वितरण की इस योजना के मॉनिटरिंग और वेरिफिकेशन के लिए जीपीएस सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। इस योजना की थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग और वेरिफिकेशन भी करवाई जायेगी। जिला भूमि सरंक्षण पदाधिकारी, सहायक सर्वे निदेशक, भूमि सरंक्षण पदाधिकारी, भूमि सरंक्षण सर्वे पदाधिकारी और सहायक कृषि अभियंता के द्वारा ट्रेक्टर और उसके सहायक यंत्रों की गुणवत्ता की जांच की जायेगी। स्टैण्डर्ड या क्वालिटी में नुक्स पाए जाने पर सम्बंधित पदाधिकारी और आपूर्तिकर्ता सीधे तौर पर जिम्मेवार होंगे।  जेएएमटीटीसी के कार्यपालक निदेशक, संयुक्त कृषि निदेशक (अभियंत्रण), उप निदेशक भूमि सरंक्षण यंत्रों की गुणवत्ता, मानक और वितरण का औचक निरिक्षण और भौतिक सत्यापन कर सकेंगे। 


किस जिले को मिलेंगे कितने ट्रेक्टर 

रांची - 70
खूंटी - 30
लोहरदगा - 30
गुमला - 30
सिमडेगा - 30
पूर्वी सिंहभूम - 40
खरसांवा - 30
पश्चिमी सिंहभूम - 75
लातेहार - 30
दुमका- 120
साहिबगंज - 75
पाकुड़ - 30
जामताड़ा - 30
गोड्डा - 35
पलामू - 55
देवघर - 120
हजारीबाग - 70
गढ़वा- 20
रामगढ़ - 20
कोडरमा - 21
चतरा - 45
गिरिडीह - 52
बोकारो - 22
धनबाद - 22


लाभुकों को देना होगा घोषणा पत्र 

ट्रेक्टर वितरण योजना के लाभुकों या लाभुक समूहों को यह घोषणा पत्र देना होगा की वो ट्रेक्टर या इससे सम्बंधित किसी अन्य उपकरण की बिक्री या स्थानांतरण अगले तीन साल तक नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ट्रेक्टर योजना किसानों और किसान समूहों के लिए एक अच्छी योजना है और अगर इसका क्रियान्वन सही तरीके से हुआ तो इसका लाभ कृषकों को अवश्य होगा।